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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Sunday, December 16, 2012

भारत का काल्पनिक केंद्र- जीरो माइल स्टोन: नागपुर.

भारत का काल्पनिक केंद्र-

जीरो माइल स्टोन: नागपुर, महाराष्ट्र में भारत की भौगोलिक केंद्र की पहचान के लिए अँगरेज़ सरकार द्वारा चार घोड़े और एक बलुआ पत्थर का बना स्तंभ का निर्माण किया गया था। अग्रेजी शासकों ने नागपुर को भारत के केंद्र के रूप में माना और इसके लिए नागपुर को दूसरी राजधानी बनाने की उनकी योजना थी.




Distance from Zero Mile Stone - Ahmadabad 851
Bangalore 1062
Chennai 1117
Delhi 1029
Hyderabad 493
Kolkata 1118
Mumbai 798
Pune 734

Saturday, December 15, 2012

कानपूर में "भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर" की स्थापना........Bhrasht Tantra Vinashak Shani Mandir


कानपूर में "भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर" की स्थापना हुई है जिसका लोकार्पण पवन राणे वाल्मीकि द्वारा 08.12.2012 को किया गया। मंदिर निजी भूमि पर है जहाँ जनसाधारण को आने की अनुमति है, परन्तु यहाँ वर्तमान व पूर्व IAS / PCS अधिकारीयों, जज, मजिस्ट्रेट, पूर्व व वर्तमान विधायक/सांसद एवं मंत्रियों का आना वर्जित है क्योंकि देश की दुर्दशा के लिए इन्हें ही जिम्मेदार माना गया है। संस्थापकों का कहना है की 20 वर्षों बाद इस नियम पर पुनर्विचार किया जायेगा। मंदिर स्थापना का उद्देश्य यह है की भ्रष्ट शासकों को जनता भगवान की तरह देखने के बजाये, उन्हें तिरस्कृत करें और उनका बहिष्कार हो। मंदिर में शनि देव के साथ हनुमान जी एवं ब्रह्मा जी की मूर्तियाँ हैं। वर्तमान मंत्रियों की तस्वीर शनि देव की वक्र दृष्टि के सामने रखा गया है जिससे अगर वे भ्रष्टाचार करें या जनविरोधी कानून बनाएं तो शनि देव उनका नाश कर दें। सर्वोच्च न्यायालय और इलाहबाद उच्च न्यायालय के जजों की भी तस्वीर लगी है की वे अपने न्याय में किसी प्रकार की त्रुटि न करें। यहाँ प्रसाद चढ़ाना और फूल तोड़ कर अर्पित करना मना है। सिर्फ लौंग, काली मिर्च और इलायांची चढ़ाया जा सकता है। लाऊड स्पीकर, घंटा व शोर करना मना है। मिटटी के दीये में सरसों तेल जलाया जा सकता है। शराब व तम्बाकू का सेवन करने वालों को भी अन्दर जाने की इज़ाज़त नहीं है।

Bhrasht Tantra Vinashak Shani Mandir
(destroyer of the corrupt system) Shani Mandir
Plot No.20, Sumangal Housing Society Near Ratan Orbit, behind Kanpur University , 1
Kilometer on road from Patrakarpuram to Indira Nagar, Post Indiranagar- Kanpur, Uttar Pradesh, IndiaPINCODE- 208026

FeaturesPRAAN PRATISHTHA
OF IDOLS--- ON AKSHAYA TRITIYA -24-04-2012
LOKARPAN (DEDICATION FOR GENERAL PUBLIC)-
By PAVAN RANE BALMIKI A HANDICAPPED
PERSON OF THE SCHEDULED CASTE COMMUNITY
ON SATURDAY -08-12-2012



--Mandir is on private Land,
--Rights of Admission Reserved
--Open for the general public but entry of High
Rank Rulers (most responsible for the present
Plight of the Nation), like past and Present--
IAS/PCS officers; JUDGES/MAGISTRATES; past and
Present MP’s/MLA’s, Ministers is prohibited.
This condition will be reconsidered after twenty
years if things improve.
OBJECT AND MESSAGE TO
THE GENERAL PUBLIC------- Do not treat the
corrupt ruling class like Gods, instead boycott them
and make them understand that they are
despicable people so that they introspect and
improve.
GENERAL PUBLIC TO REMEMBER—That they, the
general public are nothing but the prey for the Ruling(Predatory) Class in INDIA and are hunted &
feasted upon by this predatory class.
--All the Current Politicians Photos kept in direct
sight of Shani Dev Idol so that they will perish if
they make anti people Laws and indulge in
Corruption.
--Photos of All the Supreme Court and Allahabad
High Court Judges kept in direct Sight of Shani Dev
so that they thrive if they give pro-people
Judgments and perish if they indulge in
Sycophancy of the Government and uphold Anti
people Laws and also retrospective Laws.
Deities-
Three Idols of Shani Dev Maharaj in standing pose.
One Idol of Hanumanji.
One Idol of Brahmaji in direct sight of Shani Dev.
Do’s and Don’t’s—
--No Prasad like sweets etc so that the Mandir is
not turned in to a playground of Mice, Ants, insects
etc.
--No flowers as Flowers also have the Right to live
till they die a natural death.
--No Ghanta (Gong); No Loudspeaker to destroy the
peace and quiet of the Neighborhood.
--Request that no oil is poured over Idols.
--Entry of Drunkards and Tobacco chewing public is
hated.
--No spitting
--Prasad of Kaali Mirch (Black-pepper), Cloves and
Elaichi (cardamom). allowed
--Lighting of Diya (earthenware lamps with mustard
oil allowed.
-- Help for establishment of Similar other Mandirs
solicited. In these Bhrasht Tantra Vinashak Shani
Temples, either Dalits or Handicapped persons will get
chance to take pride and earn livelihood by selling
earthen Lamps and permitted Prasad. Endeavor to be
made to break the Caste System of Hindu Religion.

Friday, December 14, 2012

सर क्रीक (Sir Creek) का मुद्दा- गुजरात नहीं भारत का प्रश्न?

नरेन्द्र मोदी ने सर क्रीक के मसले पर इसे पाकिस्तान को दिए जाने की जो शंका जाहिर की, और जिस तरह से कांग्रेस इसका खंडन करने की जगह, मसले को छोड़ कर सिर्फ उसके तकनिकी पहलुओं का जवाब दे रही है, उससे कई सवाल उठते हैं। दरअसल यह मुद्दा सिर्फ गुजरात का नहीं, बल्कि पूरे देश का है।

सर क्रीक का सिर्फ सामरिक महत्व ही नहीं, बल्कि यहाँ पेट्रोल का भंडार होने के प्रमाण भी है। इसके एक टुकड़े को भी दिए जाने से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून के हिसाब से सैकड़ों किलोमीटर क्षेत्र से भारत का हक समाप्त हो जायेगा।

सर क्रीक का मसला है क्या? मूलतः और स्थानीय स्तर पर भारत पाकिस्तान के बीच कच्च के रण में 96 किलोमीटर के इस दलदली इलाके को 'बाण गंगा' कहा जाता है। अरब सागर से जुड़ने वाला यह क्षेत्र भारत के गुजरात को पाकिस्तान के सिंध प्रान्त से विभाजित करता है। इस इलाके को सिंध प्रान्त का अंग मानते हुए पाकिस्तान इस पर दावा कर रहा है, जबकि भारत ज्वार-भाटा के समय नाले के रूप में परिवर्तित होने वाले इसके धारा के बीचो-बीच को अंतर्राष्ट्रीय सीमा मानता है। भारत 1924 में इस धारा के बीच में स्तंभ लगाकर उसके आधार पर 1925 में बनाये गए नक़्शे को अपने दावा का आधार मानता है। पाकिस्तान, सिंध सरकार और कच रियासत के बीच 1914 के बॉम्बे सरकार प्रस्ताव के अनुच्छेद 9 और 10 के आधार पर पूरे क्षेत्र पर दावा कर रहा है।

1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच इस क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए मुठभेड़ हुए। ब्रिटिश प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप से 1968 में एक समाधान निकलता दिखाई पड़ा जिसके अनुसार पाकिस्तान के दावे का 9,000 किलोमीटर का 10% उसे दिए जाने की बात हुई। कारगिल युद्ध के दौरान 10 अगस्त,1999 को भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमान ने पाकिस्तानी घुसपैठिये को मार गिराया था।



नरेन्द मोदी ने आरोप लगाया है की डा मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति ज़रदारी से इस क्षेत्र को पाकिस्तान को सौपनें की 'मौन सहमती' दे चुके हैं। PMO ने ट्वीट कर इस आरोप को "असत्य" बताया है। लेकिन इससे आगे कोई खंडन करने के बजाये कांग्रेस के मनीष तिवारी और सलमान खुर्शीद इस मुद्दे को चुनाव के दौरान उठाये जाने का विरोध कर रहे हैं। मोदी ने प्रधान मंत्री के जवाब को अपर्याप्त कहते हुए कहा है, 'सर क्रीक जमीन का नहीं, जिगर का टुकड़ा है।"


नोट- चित्र में हरी लकीर पाकिस्तानी दावा है, लाल लकीर भारत का दावा है, और काला इलाका वो है जिसपर कोई विवाद नहीं है।

Thursday, December 6, 2012

राज्य सभा में FDI पर अरूण जेटली का प्रभावी भाषण -

आज राज्य सभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सिलसिलेवार ढंग से FDI पर मनमोहन सरकार के सभी दावों को निरस्त कर दिया। उन्होंने ने याद दिलाया की यही डा मनमोहन सिंह ठीक एक दशक पहले 6 दिसंबर,2002 को FDI को ख़ारिज करते हुए सदन में कहा था की इससे छोटे दुकानदार, रेहड़ी पटरी वालों के रोज़गार पर विपरीत असर होगा, बेरोज़गारी बढ़ेगी और हिंदुस्तान के लिए उपयुक्त नहीं है। अंतराष्ट्रीय व्यापारिक रियायतों में हमेशा कोई भी देश बदले में कुछ रियायतें प्राप्त करता है, जो दिख नहीं रहा है। सबसे महत्वपूर्ण, लगभग 12 वर्षों से हिंदुस्तान पर रिटेल में FDI लागू करने का अमरीकी दबाब है, परन्तु पता नहीं क्यों पिछले सत्र तक 'आम सहमती' बनाने की बात करने वाली सरकार अचानक इसे लागू कर दिया?

अरुण जेटली ने 'सुधार' के पश्चिमी परिभाषा को चुनौती देते हुए कहा की अमरीका भारत में नौकरियों के आउटसोर्स किये जाने को समाप्त करने की बात कर जब चाहे 'सुधार' को ठेंगा दिखा देता है, लगभग सभी पश्चिमी देश अपने किसानों को वालमार्ट जैसे स्टोर से निपटने के लिए और बाज़ार में अपने उत्पाद की सही कीमत दिए जाने ले लिए प्रतिदिन हजारों डॉलर सब्सिडी देता है, परन्तु हमें मना किया जाता है। ऐसे 'सुधार' को लागू नहीं करना हीं राष्ट्र हित में है।

यह अत्यंत हास्यास्पद हीं है की सत्ता पक्ष इस मुद्दे को ऐसे प्रस्तुत कर रहा था जैसे वालमार्ट कोई धार्मिक या स्वयंसेवी संस्था हो जो भारत आकर यहाँ परोपकार और लोक-कल्याण के कार्य करना चाहती है, और विपक्ष उन्हें रोक रहा है। अगर कांग्रेस नीत यु पी ए सरकार को खुली छूट मिले तो यह कहते हुए की यह भवन बहुत पुरानी हो चुकी है, संसद भवन को हीं वालमार्ट को स्टोर खोलने के लिए बेच दें।

वैसे जो लोग लोक सभा में इस मुद्दे पर अरुण जेटली के विद्यार्थी जीवन के समकालीन लालू प्रसाद अथवा अन्य कांग्रेसी वकील कपिल सिब्बल का भाषण भी सुने हों उन्हें फर्क पता चल गया होगा।



ध्यान दिलाना चाहूँगा की जब लालू प्रसाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे, उन्ही दिनों श्रीराम कालेज ऑफ़ कॉमर्स के विद्यार्थी अरुण जेटली भी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे। दोनों 1974 में कांग्रेस और इंदिरा गाँधी द्वारा जबरन आपातकाल लागू कर तमाम विपक्ष के नेताओं को जेल भेजे जाने के विरोध में जय प्रकाश नारायण के आन्दोलन में शामिल थे। दोनों नेता कनून की डिग्री प्राप्त किये हैं। और जब 1977 में जनता पार्टी का गठन हुआ तो अरुण जेटली जनता पार्टी के सबसे युवा राष्ट्रिय कार्यकारिणी के सदस्य थे। परन्तु 1977 वे चुनाव नहीं लड़े। लालू प्रसाद को 1977 में बिहार में जनता पार्टी संसदीय दल के अध्यक्ष स्व बी पी मंडल ने, जय प्रकाश बाबु के अनुशंसा पर और बाबु सत्येन्द्र नारायण सिंह और कर्पूरी ठाकुर के आपत्ति के बावजूद, 'राजपूत सीट' छपरा से लोक सभा का टिकट दिया जहाँ से वे छोटे उम्र में सांसद चुने गए।