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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Tuesday, March 22, 2011

बिहार – विशेष दर्ज़ा या विशेष लूट .


बिहार – विशेष दर्ज़ा या विशेष लूट .

जहाँ एक ओर बिहार सरकार केन्द्रीय सहायता को मार्च आ जाने तक भी पूरी तरह उपयोग नहीं कर पायी है, और दूसरी ओर केन्द्रीय योजनाओं में बेतहाशा लूट जारी है, यह समझना कठिन है की नितीश कुमार और उनके साथियों का बिहार को विशेष दर्ज़ा दिए जाने से उनका क्या तात्पर्य है. मनरेगा को चलाने वाले एक-एक ठेके पर बहाल कर्मचारी पटना में ५० - ६० लाख का घर ले रहें है, और सरकार दावा करती है की योजना में सहायता कम पड़ रही है. लालू प्रसाद की पिछले सरकार ने जहाँ एक ओर सिर्फ लूटने का काम किया था, यह सरकार काम भी कर रही है और लूट भी जारी है.
कैग ( भारत सरकार का महालेखाकार) के रिपोर्ट में कहा गया था की २००७-०८ तक बिहार सरकार ने ११,४१२ कड़ोड़ रूपये के विकास खर्च के लेख-जोखा में गड़बड़ी की है, और बाद में पटना उच्च न्यायलय ने भी इस पर संज्ञान लिया था और सी बी आई जांच की अनुशंसा की थी , जिसे manage कर लिया गया.
कैग की एक दुसरे रिपोर्ट में कहा गया है की बाढ़ सहायता में एक बड़ा घोटाला हुआ है और अगस्त - अक्तूबर २००७ में कुछ जिलों में ट्रक पर राशन भेजने के बजाय मोटर सायकल पर खाद्य सामग्री ढोए गए थे जिसमें बाढ़ राहत के लिए २७४.१५ quintal का गोल माल हुआ था. विधान सभा में पेश कैग के अन्य रिपोर्ट में दोपहर खाने, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में भारी घोटाले के आरोप लगाये गए हैं जिन पर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की है. कैग रिपोर्ट में राष्ट्रिय ग्रामीण स्वास्थ्य स्कीम, जननी सुरक्षा योजना अदि में भ्रष्ट अफसरशाही के कारण १४०० कड़ोड़ रूपये का घोटाला हुआ. शिक्षक ट्रेनिंग के लिए ८.७३ कड़ोड़ रूपये का कोई उपयोग ही नहीं हुआ.
कोशी त्रासदी की मार झेल चुकी जनता बाढ़ राहत के घोटाले की भुक्तभोगी है. आश्चर्य यह है की कोसी त्रसदी की जांच के लिए नियुक्त राजेश वालिया आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट देना था परन्तु चार वर्ष बीत जाने पर भी रिपोर्ट का अता-पता नहीं है.
अधिकारीयों के संपत्ति का ब्यौरा आज कल सबसे हँसाने वाले चुटकुले हैं, और चंदा मामा की कहानियों को मात कर रही है. राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी का पटना के डाक बंगला चौराहे पर भारी संपत्ति और होटल के बारे में रिक्शा वाले भी जानते हैं, परन्तु सरकारी वेबसाइट पर उन्हें चढ़ने के लिए के कार भी नहीं है.
इनका जवाब नितीश कुमार जी ढूँढ लें, तो विशेस राज्य का दर्ज़ा स्वतः प्राप्त हो जायेगा, अन्यथा विशेस लूट जारी रहेगा.

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