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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Saturday, October 5, 2013

बच्चों का कुपोषण - बिहार में देश में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे।


यह स्वागतयोग्य है की देश में कैग CAG रिपोर्ट के आधार पर बच्चों के कुपोषण पर बहस हो रही है। वरना यही राजनैतिक दल कैग के भ्रष्टाचार पर दिए गए रिपोर्ट को सिरे से नकार देते हैं, और कैग के रिपोर्ट को सम्बंधित विधान सभा में सिर्फ पेश कर देते हैं और उसपर कार्यवाई की संविधानिक प्रक्रिया को अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता हैं। चुकी सम्बंधित सदन में सत्ता में जो दल है उसका बहुमत होता है, तो वह पाप वहीँ धुल जाता है और आज तक कैग के रिपोर्ट के आधार पर सदन द्वारा कार्यवाई नहीं हुई है। कैग के रिपोर्ट के आधार पर चारा घोटाले में कोर्ट की निगरानी में सी बी आई द्वारा दोषी को सजा दिलाने की घटना भी लालू प्रसाद एवं अन्य के मामले में शायद अकेला उधारण है।

जहाँ तक कैग के रिपोर्ट के में जो बच्चों के कुपोषण और अत्याधिक कुपोषण पर जो राज्यवाड़ आंकड़े उपलब्ध कराये हैं उस अनुसार 2005 के मुकाबले 2011 में गुजरात में स्थिति सुधारी है और दिल्ली जैसे राज्य में भी 2011 में स्थिति बदतर हुई है। लेकिन सबसे दिलचस्प मामला बिहार का है जिसके नेता पोशुआ हनुमान शिवानन्द तिवारी बढ़-चढ़ कर गुजरात सरकार पर हमले कर रहें है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जबकि नितीश कुमार के शासन के शुरू 2005-06 में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 55.9 और अत्याधिक कुपोषित की संख्या 24.1 प्रतिशत था, वहीँ सुशासन बाबू के 4-5 वर्ष शासन में रहने के बाद मार्च 2007 में कुपोषित बच्चों की संख्या भारत में सबसे अधिक 82.12 और अत्याधिक कुपोषित 25.94 प्रतिशत है। आश्चर्य है की विकास पुरुष और उनकी पार्टी जद(यू) इस डरावनी स्थिति पर कुछ क्यों नहीं कहते हैं।

CAG - कुपोषण और अत्याधिक कुपोषित के आंकड़े
बिहार 2005-06 55.9 24.1 मार्च 2007 NA NA मार्च 2011 82.12 25.94
दिल्ली 2005-06 26.1 8.7 मार्च 2007 54.36 0.07 मार्च 2011 49.91 0.03
गुजरात 2005-06 44.6 16.3 मार्च 2007 70.69 0.85 मार्च 2011 38.77 4.56
अखिल भारत 2005-06 42.5 15.8 मार्च 2007 50.1 0.55 मार्च 2011 41.16 3.33.

वैसे, विश्व बैंक एक अनुमान के अनुसार भारत में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या दुनिया में सर्वोच्च रैंकिंग वाले देशों में से एक है। भारत में कम वजन वाले बच्चों की व्यापकता दुनिया में सबसे ऊंची है, और लगभग दोगुना है। 2011 वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में भूख की स्थिति में प्रमुख देशों के बीच, भारत 15 वें स्थान पर है।



Name of the state/UT
Data provided by the Ministry (status as on) (Status for 2005-06) 31-March-2007 31-March-2011
Malnourished Severely Malnourished Malnourished Severely Malnourished Malnourished Severely Malnourished
Andhra Pradesh 32.5 9.9 53.23 0.13 48.72 0.08
Arunachal Pradesh 32.5 11.1 9.13 0.01 2.00 0.00
Assam 36.4 11.4 40.12 1.4 31.32 0.46
Bihar 55.9 24.1 NA NA 82.12 25.94
Chhattisgarh 47.1 16.4 54.14 1.18 38.47 1.97
Goa 25.0 6.7 41.41 0.15 34.11 0.04
Gujarat 44.6 16.3 70.69 0.85 38.77 4.56
Haryana 39.6 14.2 45.34 0.11 42.95 0.05
Himachal Pradesh 36.5 11.4 38.86 0.15 34.24 0.06
Jammu & Kashmir 25.6 8.2 32.61 0.78 31.12 0.06
Jharkhand 56.5 26.1 47.36 1.74 40.00 0.7
Karnataka 37.6 12.8 53.39 0.31 39.5 2.84
Kerala 22.9 4.7 38.8 0.07 36.92 0.08
Madhya Pradesh 60.0 27.3 49.61 0.75 28.49 1.88
Maharashtra 37.0 11.9 45.47 0.21 23.32 2.61
Manipur 22.1 4.7 10.06 0.19 13.83 0.24
Meghalaya 48.8 27.7 36.74 0.14 29.13 0.18
Mizoram 19.9 5.4 22.67 0.48 23.26 0.20
Nagaland 25.2 7.1 13.79 0.31 8.36 0.07
Odisha 40.7 13.4 56.54 0.82 50.43 0.72
Punjab 24.9 8.0 35.36 0.37 33.63 0.05
Rajasthan 39.9 15.3 54.09 0.27 43.13 0.33
Sikkim 19.7 4.9 27.17 0.08 10.72 0.86
Tamil Nadu 29.8 6.4 39.1 0.04 35.22 0.02
Tripura 39.6 15.7 14.83 0.19 36.89 0.35
Uttar Pradesh 42.4 16.4 53.36 1.09 40.93 0.21
Uttarakhand 38.0 15.7 45.71 0.23 24.93 1.19
West Bengal 38.7 11.1 52.75 0.68 36.92 4.08
Delhi 26.1 8.7 54.36 0.07 49.91 0.03
All India 42.5 15.8 50.1 0.55 41.16 3.33
[percentage of malnourished children covers all malnourished children including severely malnourished]

Wednesday, October 2, 2013

गाँधी जी - मेरे कुछ विचार और कुछ रोचक तथ्य -

गाँधी जी - मेरे कुछ विचार और कुछ रोचक तथ्य -

पी एच डी के लिए अनेक विषयों में से मैं यह भी देखना चाहता था की क्या महात्मा गाँधी और माओ त्से तुंग का तुलनात्मक अध्यन किया जा सकता है?
दोनों सफल नेता थे, पर विपरीत सिद्धांतों को प्रतिपादित करते थे।

1921 में स्थापित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के रूप में माओ ने 1949 में चीन की सत्ता पर काबिज हो गए। उनका कहना था की सत्ता बन्दूक के नाल से निकलती है।
1924 में पहली और आखरी बार कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने वाले महात्मा गाँधी अपने 1948 में अपनी मृत्यु तक कांग्रेस के एकक्षत्र नेता बने रहे और 1947 में उन्ही के नेतृत्व में कांग्रेस को आजाद और विभाजित भारत की सत्ता मिली। गाँधी जी सत्य और अहिंसा को अपने आन्दोलन की सफलता के लिए आवश्यक मानते थे।

शायद उनके आन्दोलन की सफलता और विपरीत सिद्धांतों के लिए भारत और चीन की तात्कालिक राजनैतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ जिम्मेदार थी।

1921 से गाँधी जी अपने भारत यात्रा के दौरान सुगमता के धोती और खडाऊँ पहनना शुरू कर दिए। अधिक ठण्ड होने पर एक चादर से शरीर ढकते थे। यही पहनावा उनकी आजीवन बनी रही। शायद आम जन इसी पहनावे से उन्हें अपना मानने लगे थे।

महात्मा कहकर उहें सबे पहले गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर ने संबोधित किया।

वैसे मेरे वाम मित्र और अन्य साथी भी गाँधी जी के पहनावे, ट्रेन के निचले दर्जे में सफ़र करने के फैसले, दलित बस्तियों की सफाई आदि को गाँधी जी का नाटक मानते हुए जोरदार बहस करते रहते हैं। मैं उनसे यही कहता हूँ की ऐसा नाटक और नेता क्यों नहीं करते? इस तरह के पहनावे और कुछ सिद्धांतों पर चलना खेल नहीं है। नाटक के लिए ही सही अगर भारत में नेतागण गाँधी जी की राह पर चलेंगें तो बहुत कुछ सुधर सकता है।



गाँधी जी पर कुछ रोचक तथ्य -
*1931 में इंग्लैंड में रहते हुए, गांधी जी संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अपनी पहली रेडियो प्रसारण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को महात्मा कहते सुना कि " क्या मुझे इस चीज में बोलना है?"
*गांधी जी समय के बेहद पाबंद थे। उनकी कुछ संपत्ति में से एक, एक डॉलर की घड़ी थी। 30 जनवरी, 1948 को जिस दिन गाँधी जी की हत्या कर दी गई थी, वे बस इसलिए परेशान थे की एक नियमित प्रार्थना सभा के लिए वे दस मिनट देरी से आ रहे थे।
*टाइम पत्रिका, प्रसिद्ध अमेरिकी प्रकाशन, ने 1930 में महात्मा गाँधी को मैन ऑफ द ईयर नामित किया था।
*वे रूसी उपन्यासकार लियो टालस्टाय के साथ नियमित रूप से पत्राचार करते थे।
*1948 में गाँधी जी के अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल किया गया केसून, या बंदूक गाड़ी, मदर टेरेसा के अंतिम संस्कार के लिए भी 1997 में इस्तेमाल किया गया था।
*यीशु मसीह को शुक्रवार को क्रूस पर चढ़ाया गया था। गांधी जी शुक्रवार को पैदा हुआ थे। भारत को भी शुक्रवार को ही अपनी स्वतंत्रता मिली। गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को हुई।
*गाँधी जी को फोटो लिया जाना अच्छा नहीं लगता था, फिर भी वे उस समय सबसे अधिक फोटो खिचाये हुए व्यक्ति थे।
*संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्तूबर को अन्तराष्ट्रीय अहिंसा के दिन में घोषणा की है।
*गाँधी और नोबेल पुरस्कार -
शांति सहित विभिन्न क्षेत्रों में मानवता के लिए उनके योगदान पर दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार के लिए 1937 और 1948 के बीच महात्मा गांधी को पांच बार नामांकित किया गया, लेकिन हर बार वे उन्हें पुरस्कृत करने में विफल रहे। आखिरकार, नोबल पुरस्कार चयन पैनल वास्तव में गांधी की पहुंच और दुनिया पर उनके प्रभाव को समझते हुए, अंत में गाँधी को पुरस्कार से सम्मानित किया था। दुर्भाग्य से, यह पुरस्कार 1948 में उनकी हत्या के कुछ ही हफ्तों के बाद आया और नोबेल पुरस्कार नियमों के अनुसार मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार के लिए समिति ने रोक लगाई हुई थी। अतः यह निर्णय लिया गया की उस वर्ष किसी को भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया जायेगा। पर 1961 में नोबेल पुरस्कार समिति ने नियमों को शिथिल करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव डग हम्मार्स्क्जोल्ड को शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जिनकी मृत्यु कुछ समय पहले हवाई दुर्घटना में हो गयी थी। इस फैसले पर जनता के बीच आक्रोश भी दिखा। नोबेल समिति ने अंत में अपनी गलती को स्वीकार करते हुए सन 2006 में सार्वजानिक रूप से व्यक्तव्य दिया कि "हमारे 106 साल के इतिहास में सबसे बड़ी चूक महात्मा गांधी को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया जाना है। गाँधी तो बिना नोबेल परुस्कार के रह सकते थे, पर बड़ा प्रश्न यह है की क्या नोबेल शांति पुरस्कार समिति गाँधी को बिना यह पुरस्कार प्रदान किये सहज है? " ("The greatest omission in our 106 year history is undoubtedly that Mahatma Gandhi never received the Nobel Peace prize. Gandhi could do without the Nobel Peace prize, whether Nobel committee can do without Gandhi is the question".)
अहिंसा और सविनय अवज्ञा का रास्ता लेने के लिए महात्मा गांधी ने दुनिया के लाखों लोगों को प्रेरित किया। कम से कम 5 नोबल शांति पुरस्कार विजेता - मार्टिन लूथर किंग जूनियर (यूएसए), दलाई लामा (तिब्बत), आंग सान सू क्यि (म्यांमार), नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका) और अडोल्फो पेरेस एस्क़ुइवेल (अर्जेंटीना) ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि वे गांधी के दर्शन से प्रभावित थे।
तो निश्चित तौर से गाँधी जी नोबेल पुरस्कार से ऊपर थे।