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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Monday, June 20, 2011

पंचायती राज का सच!


पंचायती राज का सच!
राजनीती में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण की शुरुआत नीचे से पंचायती राज से ही होती है. अभी बिहार में पंचायती चुनाव संपन्न हुए हैं और उसमें मुखिया और जिला पार्षद बनने की होड़ थी. क्योंकि मुखिया एवं जिला पार्षद को अधिक योजनायें (पढ़ें नाजायज तरीके से रुपये कमाने के अवसर) हैं. और पदों पर कम भीड़ थी. परन्तु इससे भी गंभीर इंतजामात बिहार सरकार की ओर से अपराधियों के लिए है. प्रोफ़ेसर, वकील, शिक्षक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन अपराधियों को खुली छूट है.
उधाहरण के लिए सहरसा जिला के पतरघट प्रखंड के सुरमाहा-किशनपुर पंचायत के नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्य मनोज यादव को लीजिये. जनाब पर ५२ गंभीर अपराधिक मामले दर्ज है. भबनी नरसंहार के मुख्य आरोपी भी हैं. जेल तोड़ कर भाग चुके हैं. जीत कर करबद्ध चित्र अख़बारों में छपवा रहे हैं !
इस तरह के कई उधाहरण है. सुशासन में यह अवसर तो देना ही पड़ता है. वैसे भारतीय राजनीती की नीवं पंचायती राज है और उसमें इनका ही राज है. येही विधान सभा और संसद का भी ट्रेलर है.
जय हिंद.

1 comment:

  1. According to Section 136 of Bihar Panchayati Raj Act which says,") has been sentenced by a criminal court whether within or out of India to
    imprisonment for an offence, other than a political offence, for a term
    exceeding six months or has been ordered to furnish security for good
    behavior under section 109 or section 110 of the Code of Criminal
    Procedure 1973 (Act 2, 1974) and such sentence or order not having
    subsequently been reversed;", the person in question Manoj Yadav is likely to be disqualified.

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