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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Sunday, October 30, 2011

भारत में मोटर स्पोर्ट्स - किस कीमत पर?


नॉएडा में आज भारतीय ऍफ़ वोन ग्रांड प्रिक्स मोटर स्पोर्ट्स की शुरुआत होगी. जिस जगह पर यह रेस होगी उसे जे पी ग्रुप ने बनाया है, और पहले इसका नाम जेपी ग्रुप सर्किट रखा गया परन्तु, संभवतः उत्तर प्रदेश में बहन मायावती के शासन के प्रभाव में इसका नाम बुद्ध अन्तरराष्ट्रीय परिपथ (Buddh International Circuit) रखा गया. अतः भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के नोएडा में बना फॉर्मूला वन दौड़ का परिपथ (रास्ते का लूप) है। इसका उद्घाटन १८ अक्टूबर, २०११ को किया गया।

दो हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस सर्किट में ऐसे सभी अत्याधुनिक उपकरण व तकनीक इस्तेमाल की गई हैं जो किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट के लिए जरूरी हैं। इस ट्रैक को जर्मनी के हर्मन टिल्के द्वारा 5000 कामगारों, 300 इंजीनियरों एवं देश विदेश के नामी एफ1 सर्किट विशेषज्ञों की मदद से ढाई वर्ष में तैयार किया गया है। यमुना एक्सप्रेस मार्ग पर 250 एकड़ जमीन पर बनाए गए बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की कुल दर्शक क्षमता एक लाख लोगों की है, जिसमें नार्थ से ईस्ट तक का 1.4 किमी का ट्रैक सबसे तेज है। इस पर कार 317 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी दौड़ सकती है। इस ट्रैक पर करीब 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली फार्मूला वन कार एक मिनट 27 सेकंड में एक लैप पूरा कर सकेंगी। रेस में कुल 60 लैप होंगे।

इस रेस लूप को बनाने के लिए तक़रीबन ३०० किसानों की ज़मीन ली गयी, जिनकी शिकायत है की उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया.



एक विवाद दिलचस्प रूप से सामने आया है कि भारतीय खेल मंत्री अजय माकन ने आरोप लगाये की उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया क्योंकि जे पी ग्रुप ने १०० करोड़ रूपये की कर में छूट मांगी, जिसे उन्होंने ख़ारिज कर दिया था.


The first BRG! 1903 Napier Since motor racing was illegal in Great Britain, ...(In photo..)

Friday, October 28, 2011

सुशासन बाबू का मीडिया पर शिकंजा विज्ञापन राशी बंदरबांट से.

आर टी आई द्वारा प्राप्त सुशासन में नितीश सरकार द्वारा विभिन्न अख़बार और न्यूज़ चैनलों को वितरित विज्ञापन राशी की २०१०-२०११ की विस्तृत जानकारी नीचे दी गयी है. अब प्रश्न है की क्या सुशासन में कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है? हम तो वही जानेंगे जो समाचारों में आयेगा. और सुशासन में समाचार वही छपता है जो सुशासन बाबू चाहते हैं. पहले छोटे या जिला स्तर के विज्ञापन जिले में ही तय होते थे. सुशासन बाबू ने इस व्यवस्था में फेर बदल करते हुए इसे केंद्रीकृत कर दिया है. अब छोटे-बड़े सभी विज्ञापन मुख्यमंत्री के यहाँ तय होता है, और छोटे-बड़े समाचार भी वहीँ से मोनिटर होता है. अगर किसी अख़बार ने गुस्ताखी की तो उसका विज्ञापन गया!
इसका दूसरा पहलू है जिसका निर्देशन एन के सिंह जैसे पूर्व नौकरशाह और जद(यु) नेता करते हैं. गौर करें की टाइम्स आफ इंडिया और इकोनोमिक टाइम्स जैसे अख़बार, जो बिहार में अधिक साख नहीं रखतें हैं, उन्हें सबसे अधिक करोड़ों में विज्ञापन दिया गया है. दरअसल इकोनोमिक टाइम्स जैसे अखबार नए नए सर्वे करा कर कुछ आंकड़ें पकाते हैं, जिससे यह साबित हो की बिहार ज़बरदस्त तरक्की कर रहा है, सुशासन से वाकई बिहार में आर्थिक परिवर्तन हो रहा है, और सुशासन बाबू नितीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं, प्रधानमंत्री होना चाहिए, और एन डी ए की ओर से मोदी नहीं नितीश दावेदार रहें, बेचारे अडवाणी बेकार मैं यात्रा पर हैं!
कुछ ऐसे अख़बार हैं, जिनके नाम भी आप नहीं सुने होंगे. कई तो घोटाले हो गए, और कुछ दलाल बने पत्रकारों को मिलता है.
बाकीं निष्कर्ष आप स्वयं निकालें.


वर्ष 2010-2011
विभिन्न समाचार पत्र/पत्रिकाओं/इलेक्ट्रॉनिक चैनलों को भुगतान की गई राशि का विवरण (गैर योजना मद)
क्रम सं. पत्र/पत्रिका/चैनल का नाम भुगतान राशि (रुपये) 1. हिंदुस्तान 10,12,13,999 2. हिंदुस्तान टाइम्स 58,63,454 3. दैनिक जागरण 5,33,68,449 4. आज 1,30,54,899 5. प्रभात खबर 1,10,08,037 6. राष्ट्रीय सहारा 67,41,602 7. रोजनामा राष्ट्रीय सहारा 1,47,313 8. टाइम्स ऑफ इंडिया+ईटी 1,13,52,332 9. प्रत्युष नव विहार, पटना 30,29,027 10. कौमी तंजीम 98,72,810 11. फारूकी तंजीम 62,35,314 12. पिंदार 44,11,220 13. संगम 13,80,890 14. इंकलाब-ए-जदीद 20,57,062 15. प्यारी उर्दू 16,30,667 16. मोसल्लस 4,21,899 17. प्रात: कमल 39,63,519 18. हालात-ए-बिहार 6,67,867 19. सन्मार्ग, कोलकाता 6,81,003 20. बिजनेस स्टैंडर्ड, दिल्ली 4,27,607 21. इंडियन एक्सप्रेस, दिल्ली 5,95,800 22. अमर उजाला, दिल्ली 3,88,493 23. पायनियर, दिल्ली 7,12,994 24. पंजाब केसरी दिल्ली 10,11,461 25. डीएनए, मुंबई 1,12,268 26. न्यू इंडियन एक्सप्रेस 27,776 27. झारखंड जागरण 1,42,503 28. स्टेट्‌समैन, कोलकाता 1,68,723 29. मेल टुडे, दिल्ली 7,07,635 30. नई बात, भागलपुर 22,11,150 31 देश विदेश, भागलपुर 7,22,536 32. दैनिक भास्कर, भोपाल 4,06,440 33. विश्वमित्र, कोलकाता 93,395 34. राजस्थान पत्रिका, जयपुर 6,07,904 35. रांची एक्सप्रेस, रांची 1,38,893 36. इंडिया टुडे ट्रैवल्स प्लस 7,50,000 37. दी वीक 15,20,000 38 ईस्टर्न क्रोनिकल 3,43,750 39. टुडे ट्रैवर्ल्स 4,50,000 40. न्यू ग्लोबल इंडिया 1,42,850 41. पांचवां स्तंभ 9,37,500 42. पांचजन्य 80,000 43. नई दुनिया 6,00,000 44. आलिया प्रोडक्शन 1,60,000 45. गुंजन मूवीज 1,26,883 46. प्रणव मोशन पिक्चर्स 1,77,583 47. आरुषि न्यूज नेटवर्क 4,00,000 48. ईटीवी 1,05,12,784 49. महुआ टीवी 98,77,537 50. आईबीएन-7 1,46,689 51. प्रसार भारती आकाशवाणी 16,37,289 52. प्रसार भारती (दूरदर्शन) 29,41,701 53. इंडपेंडेंट न्यूज सर्विस 3,14,286 54. रेडियो मिर्ची 9,41,000 55. सौभाग्य मिथिला 3,57,372 56. सहारा टीवी 1,40,300 57. साधना न्यूज 28,83,347 58. टीवी टुडे नेटवर्क 3,53,876 59. आईएनएक्स न्यूज 35,613 60. रेडियो धमाल 99,854 61. इन्साइट टीवी न्यूज 28,333 62. ब्रांड बिहार डॉट कॉम 56,666
योग 28,15,92,154 (अट्ठाइस करोड़ पंद्रह लाख बानवे हजार एक सौ चौवन रुपये)