About Me

My photo
New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Tuesday, January 14, 2014

मकर संक्रान्ति की शुभकामनायें- क्या अब सक्रांति १५ जनवरी को होगा?


मकर संक्रान्ति की शुभकामनायें-
क्या अब सक्रांति १५ जनवरी को होगा?


मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है क्योंकि इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारम्भ होती है। इसलिये इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रांति ऐसा दिन है, जबकि धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है। ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है।

जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर खराब माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करते लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने भी उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल में, जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त हैं। इसके विपरीत सूर्य के दक्षिणायण होने पर पृथ्वी अंधकारमय होती है और इस अंधकार में शरीर त्याग करने पर पुनः जन्म लेना पड़ता है।



कुछ ज्योतिषियों का मनना जै कि मकर संक्राति का पर्व 15 जनवरी माघ कृष्ण पक्ष सप्तमी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. उद्धव श्याम केसरी ने बताया कि भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यो व पंचागों के आधार पर पृथ्वी में कपंन आने से मकर संक्राति की तारीख में अंतर पड़ रहा है।

हर चौथे वर्ष सूर्य एवं पृथ्वी के बीच 20 व 22 मिनट के अंतर आने से यह बढ़ते हुए 60 से 70 वर्षों में एक दिन के बराबर हो जाता है। आने वाले सालों में यह पर्व 15 जनवरी को पड़ेगा।

मकर संक्राति पर सू्‌र्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद ही पुण्यकारी फल मिलता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, तिल से बनी हुई वस्तुओं का दान एवं सेवन, जप,तप, पूजा पाठ विशेष फलदायी व पुण्यकारी होता है।

वहीं इस पर्व को पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण भारत में पोंगल, यूपी व बिहार में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है।

No comments:

Post a Comment