नरेन्द्र मोदी ने सर क्रीक के मसले पर इसे पाकिस्तान को दिए जाने की जो शंका जाहिर की, और जिस तरह से कांग्रेस इसका खंडन करने की जगह, मसले को छोड़ कर सिर्फ उसके तकनिकी पहलुओं का जवाब दे रही है, उससे कई सवाल उठते हैं। दरअसल यह मुद्दा सिर्फ गुजरात का नहीं, बल्कि पूरे देश का है।
सर क्रीक का सिर्फ सामरिक महत्व ही नहीं, बल्कि यहाँ पेट्रोल का भंडार होने के प्रमाण भी है। इसके एक टुकड़े को भी दिए जाने से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून के हिसाब से सैकड़ों किलोमीटर क्षेत्र से भारत का हक समाप्त हो जायेगा।
सर क्रीक का मसला है क्या? मूलतः और स्थानीय स्तर पर भारत पाकिस्तान के बीच कच्च के रण में 96 किलोमीटर के इस दलदली इलाके को 'बाण गंगा' कहा जाता है। अरब सागर से जुड़ने वाला यह क्षेत्र भारत के गुजरात को पाकिस्तान के सिंध प्रान्त से विभाजित करता है। इस इलाके को सिंध प्रान्त का अंग मानते हुए पाकिस्तान इस पर दावा कर रहा है, जबकि भारत ज्वार-भाटा के समय नाले के रूप में परिवर्तित होने वाले इसके धारा के बीचो-बीच को अंतर्राष्ट्रीय सीमा मानता है। भारत 1924 में इस धारा के बीच में स्तंभ लगाकर उसके आधार पर 1925 में बनाये गए नक़्शे को अपने दावा का आधार मानता है। पाकिस्तान, सिंध सरकार और कच रियासत के बीच 1914 के बॉम्बे सरकार प्रस्ताव के अनुच्छेद 9 और 10 के आधार पर पूरे क्षेत्र पर दावा कर रहा है।
1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच इस क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए मुठभेड़ हुए। ब्रिटिश प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप से 1968 में एक समाधान निकलता दिखाई पड़ा जिसके अनुसार पाकिस्तान के दावे का 9,000 किलोमीटर का 10% उसे दिए जाने की बात हुई। कारगिल युद्ध के दौरान 10 अगस्त,1999 को भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमान ने पाकिस्तानी घुसपैठिये को मार गिराया था।
नरेन्द मोदी ने आरोप लगाया है की डा मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति ज़रदारी से इस क्षेत्र को पाकिस्तान को सौपनें की 'मौन सहमती' दे चुके हैं। PMO ने ट्वीट कर इस आरोप को "असत्य" बताया है। लेकिन इससे आगे कोई खंडन करने के बजाये कांग्रेस के मनीष तिवारी और सलमान खुर्शीद इस मुद्दे को चुनाव के दौरान उठाये जाने का विरोध कर रहे हैं। मोदी ने प्रधान मंत्री के जवाब को अपर्याप्त कहते हुए कहा है, 'सर क्रीक जमीन का नहीं, जिगर का टुकड़ा है।"
नोट- चित्र में हरी लकीर पाकिस्तानी दावा है, लाल लकीर भारत का दावा है, और काला इलाका वो है जिसपर कोई विवाद नहीं है।
"There is equality only among equals. To equate unequals is to perpetuate inequality." ~ Bindheshwari Prasad Mandal "All epoch-making revolutionary events have been produced not by written but by spoken word."-~ADOLF HITLER.
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- Suraj Yadav
- New Delhi, NCR of Delhi, India
- I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....
Friday, December 14, 2012
सर क्रीक (Sir Creek) का मुद्दा- गुजरात नहीं भारत का प्रश्न?
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