जहां तक भारत की जनसंख्या का सवाल है, यह 2028 में यह चीन के बराबर हो जाएगी।
दुनिया की जनसंख्या में बढ़ोतरी मुख्यत: अफ्रीकी देशों के अलावा इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और अमेरिका से होगी।
अमेरिका की जनसंख्या में दूसरे देशों से आकर बसने वाले इजाफा करेंगे। अमेरिका में अगले चार दशकों में 10 लाख लोग सालाना जाएंगे।
पूर्व अमरीकी उपराष्टपति अल गोरे का कहना है की जनसंख्या की बेतहाशा वृद्धि पृथ्वी के संसाधनों पर भारी दबाव है, और इसे स्थिर करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक लड़कियों को शिक्षित करना ही बन सकती है।
मैं समझता हूँ की भारत की अनेक समस्याओं का इलाज़ इस जनसख्या विस्फोट पर लगाम लगाना ही है।1975 में आपातकाल (Emergency) लगाये जाने के समय उस समय के असंवैधानिक सत्ता के स्वामी, इंदिरा गाँधी के छोटे पुत्र संजय गाँधी ने जनसँख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी सहित कई उपाय किये जो बाद में इस दौरान की गयी ज्यादतियों में तब्दील हो गयी थी। इसमें मुसलमानों पर भी जनसख्या नियत्रण के लिए दबाब दिया गयाथा। कहते हैं की 1977 में कांग्रेस की चौंकाने वाला हार की वजह इमेर्जेंसी में हुई ज्यादतियाँ को माना गया।
अब वर्षों बाद पहली बार है कि काँग्रेस पार्टी ने संजय गांधी के बारे में अपनी राय स्पष्ट की है। कांग्रेस ने अपने वजूद के 125 साल पूरे होने पर अपना इतिहास जारी किया है जिसमें इमरजेंसी का जिक्र किया गया है। 'द कांग्रेस एंड द मेकिंग ऑफ द नेशन' नाम की इस किताब में इमरजेंसी के दौरान जबरन नसबंदी और झुग्गियां हटाने के लिए संजय गांधी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जबकि इस नीति की कितनी आवश्यकता है यह आज समझा सकता है।
इधर इसी विषय पर समाजवादी नेता आज़म खान ने राजीव गांधी और संजय गांधी की मौत को अल्लाह द्वारा दी गई सजा करार दिया।
आजम ने कहा कि राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद के प्रवेश द्वारों को खोलने के आदेश दिए थे जबकि संजय गांधी ने आपातकाल के दौरान बल प्रयोग कर नसबंदी कार्यक्रम चलवाया और इसलिए दोनों को अल्लाह ने सजा दी।
इनसे परे मेरा तो आज भी इसी नारा पर विश्वास है कि बच्चे दो ही अच्छे।