सभी दल आमंत्रित है ,
शर्त है #दुल्हन को बिना छुए माँ बनाना है।
देश में लोकतंत्र के अधिकृत अभिरक्षक #ECI द्वारा इस तरह का ड्रामा ठीक नहीं नहीं।
कांग्रेस ने कहा है की चुनौती देने वालों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मदरबोर्ड सहित प्रमुख पार्ट पुर्जे तक पहुंच की अनुमति दी जानी चाहिए।
हम सभी जानते हैं कि हमारे फोन का ब्लूटूथ ऑन नहीं हो तो उस तक भी कोई पहुँच नहीं सकता, फिर यह तो #ईवीएम मशीन है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ करके दिखाने के चुनाव आयोग के चैलेंज को एनसीपी (NCP) को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल ने आवेदन नहीं किया है। चुनाव आयोग की ओर से राजनीतिक दलों को शुक्रवार शाम पांच बजे तक एक्सपर्ट के नाम देने का समय दिया था।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि एनसीपी चुनाव आयोग की ईवीएम चुनौती में भाग लेने की इच्छुक एक मात्र पार्टी है और इसके अलावा किसी राजनीतिक दल ने आवेदन नहीं किया है। वहीं चुनाव आयोग ने गुरुवार देर शाम को बताया था कि अब तक किसी पार्टी ने किसी जानकार को ईवीएम चुनौती स्वीकार करने के लिए नामित नहीं किया है। बीती 20 मई को आयोग ने घोषणा की थी कि 3 जून से ईवीएम चैलेंज हो रहा है जिसके लिए 26 मई तक पार्टियां तान जानकारों को नामित कर सकती हैं।

प्रश्न यह है कि क्या एनसीपी वाक़ई में हैकिंग के लिए सीरियस है? या एनसीपी चुनाव आयोग के लिए "अप्रूवर" बनने वाली है?
इसका जवाब श्री शरद पवार जी हैं।
पवार साहब राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार हैं। अगर एनसीपी EVM हैक करने की ताक़त रखता है तो बीजेपी पवार साहब को राष्ट्रपति मानते हुए हैकिंग करने से एनसीपी को रोकेगी। अगर एनसीपी यह कहने के लिए भी कि EVM हैक नहीं हो सकता, यह चैलेंज स्वीकार की है, तो भी बीजेपी पवार साहेब को राष्ट्रपति पद के लिए दी जाने वाली प्रस्ताव पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी।
दरअसल, शरद पवार जी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से भारत के किसी नेता से अधिक नजदीक हैं और यह मोदी जानते हैं।
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