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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Thursday, May 24, 2012

मॉरिशस रूट से देश के बाहर जाता अरबों काला धन.



मॉरिशस हिंद महासागर में छोटा सा द्वीप देश है जिसकी आबादी लगभग १२ लाख है और भारतीय  अर्थव्यवस्था के सौवें आकार का मॉरिशस, भारत में पूँजी की सबसे बड़ी निर्यातक है. २००२-२००३ में ५३४ मिलियन डॉलर राशी के साथ मॉरिशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का बड़ा श्रोत है. इसे मॉरिशस चैनल भी कहा जाता है, जो भारत सरकार के खजाने से हजारों करोड़ के कर बचाने के लिए अब कुख्यात हो चुकी है.

दरअसल मॉरिशस को यह दर्ज़ा दिया जाना हमेश से विवाद का विषय रहा है. मजे की बात है की जहाँ एक ओर भारत के एक के बाद एक सरकार छाती पीट-पीट कर वित्तीय घाटे व विदेशी पूँजी निवेश का रोना रोती रही है, वहीं दूसरी ओर मॉरिशस रास्ते से मुनाफा कमाने वाले कंपनियों को हजारों करोड़ों का कर में छूट दी हुई है. आज रुपये की डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती हुई स्थिति के लिए यह भी एक बड़ा कारण है. यह सब मॉरिशस के साथ हुए एक द्विपक्षीय समझौते के आर में हो रहा है.

२००१ के शेयर बाज़ार घोटाले की जांच कर रहे संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष बड़ी संख्या में प्रमाण आये की मॉरिशस आधारित संस्थाएं द्विपक्षीय समझौते का दुरपयोग कर भारतीय खजाने को अरबों का घाटा दे रही है. एन डी ए शासन के तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा पर भी कई आरोप लगे. जहाँ एक ओर आरोप था कि यशवंत सिन्हा मॉरीशस फाटक खुला रखा इतना है कि सट्टेबाजों भारत में करों का भुगतान करने से बचते रहे, तो दूसरी ओर आरोप था की वित्तमंत्री की पुत्रवधू मॉरिशस की एक कंपनी के FII के लिए काम कर रही थी.

महंगाई के अनेक कारण हैं. उनमें एक है पी. चिदंबरम की देन - पी नोट्स, जो पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में लागू है - जिसका अर्थ है की विदेशों में जमा काले धन वाले बिना अपनी जानकारी दिए, सेबी के विरोध के बावजूद, शेयर बाज़ार में निवेश कर सकते हैं, और इसमें मॉरिशस को टैक्स में विशेष छूट है, नतीजा बेनामी निवेशक जम कर पैसा लगा रहे हैं, चीजें कम और रुपये अधिक, दाम बढ़ेंगे नहीं तो और क्या होगा? उधर तमाम विदेशी कम्पनी मॉरिशस में एक कमरा लेकर उसी पते से शेयर बाज़ार में पूंजी लगा रहे हैं, और टैक्स देने से भी बच रहे हैं! जय हो धोती-लुंगी वाले की.

इस तरह एन डी ए हो या  यु पी ए, संसद में इस पर कोई कार्यवाई नहीं करती, ओर सरकार वित्तीय घाटे के नाम पर पेट्रोल की कीमतें बेहिसाब बढाती जा रही है.


प्रश्न उठता है की सरकार को कितना घाटा हो रहा है . एक अनुमान के मुताबिक मॉरिशस रूट से निवेश के नाम पर आय कर व अन्य कों में छुट से भारत सरकार के खजाने को प्रति वर्ष लगभग २,३०० करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. पी नोट्स की राशी मिला डी जाये तो यह घाटा चार गुना अधिक हो जाता है. इसको इस तरह से समझा जा सकता है की निजीकरण के समर्थकों ने जिस तरह Balco , VSNL , IPCl का निजीकरण जिन तर्कों के बहाने किया, वह पुर्णतः बेईमानी था क्योंकि प्राप्त पूँजी से अधिक का घाटा इस कर में छुट देकर हो रहा था.

आशा है हमारे सांसद इसको समझेंगे और सरकार को मॉरिशस रूट की इस भयंकर बेईमानी को रोकने के लिए बाध्य करेंगे जिससे हजारो करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को हो रहे घाटे को रोका जा सके.

1 comment:

  1. Round-tripping via Mauritius involves the use of the 1983 Double Tax Avoidance Agreement (DTAA), a tax holiday advantage provided by Mauritius and other tax havens, to re-route money transferred illegally out of India. The illicit funds are then transferred back to India as legitimate foreign investment in the Mumbai stock market via participatory notes. These 'P-Notes' are used by overseas investors not registered with Indian regulators, allowing them to acquire shares anonymously, which triggers allegations of widespread money laundering. Much of the money invested through P-Notes is legal and comes from sources like hedge funds, which seek to benefit from the non-taxation of capital gains on Indian stocks bought in Mauritius, but Indian officials worry because they cannot separate the good money from the bad.

    Questions over financial flows are hotly debated in Indian politics. The opposition Bharatiya Janata Party claims that over $1.5 trillion - enough to wipe out India's external debt - has been parked around the world in tax havens like Mauritius and 'significant sums' are routinely round-tripped back into India, especially via the P-Notes conduit. These funds have been particular targets of BJP members of Parliament Lal Krishna Advani and Bhartruhari Mahtab, who told the press that 'dirty money' was coming into the bourses through the back door.

    Tax authorities are obviously concerned about the massive loss of revenue to the state on the huge sums of money that transit through Mauritius. Federal revenue intelligence officials told Africa-Asia Confidential that billions of dollars are transferred daily from India to locations around the world via the informal but highly-organised hawala system. Hawala is based on a global network of money handlers. It again came into the spotlight when linked to a failed truck bomb in Times Square, New York City, on 1 May. The officials say that a 'large proportion' of Indian hawala money ends up in Mauritius ready for laundering.

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