आसाराम विवादास्पद बयानों के लिए ही नहीं विवादास्पद कुकृत्यों के लिए भी जाना जाता है। इनकी पहुँच भा जा पा के बड़े नेताओं तक है। आसाराम के आश्रम और इस तथाकथित 'संत' पर कई काले कारनामों का आरोप है। सबसे संगीन आरोप 2008 में हिम्मतनगर आश्रम में रहे अविन वर्मा नाम की एक पूर्व महिला स्वयंसेवक ने लगया की आश्रम में धन का दरुपयोग और महिला भक्तों का यौन शोषण होता है। उसने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया गया है कि आसाराम आश्रम उसके बेटे नारायण द्वारा एक वेश्यालय की तरह चलाया जाता है और महिला सदस्यों के प्रति उसका व्यवहार अपनी पत्नियों के रूप मे होता है।
2008 में आसाराम के आश्रमों में 18 हत्याओं के मामले प्रकाश में आये। अहमदाबाद के नज़दीक विर्न्ग्हम आश्रम के संचालक नरेन्द्र की हत्या कर दी गयी और FIR भी दर्ज नहीं हुआ। 2001 में सूरत के नज़दीक आश्रम के संचालक आमोर भाई को 37 साधकों के समक्ष आसाराम के आदेश पर पीट-पीट कर मार डाला गया, और जिसका FIR आज तक दर्ज नहीं किया गया। 10 वर्ष के नरेश का अहमदाबाद के आश्रम में मौत हो गयी जिसे आश्रम द्वारा आत्महत्या कहा गया, और 10 वर्ष के बालक के आत्महत्या की इस अजीबोगरीब किस्से की जाँच नहीं हुई। आश्रम के नरेश त्रिवेदी की मौत को ऋषिकेश में गंगा में डूबने से हुआ माना गया। आश्रम के सिक्यूरिटी मुंबई निवासी वाशी,जिसकी बहन अभी भी आश्रम में है, उसकी यौन शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाने पर कहा गया की नदी में डूबने पर उसकी मौत हो गयी। नई दिल्ली स्थित करोल बाग में बालक दास महाराज का आश्रम था जिसे 5 लाख रुपये में आसाराम ने लेने की बात की, और वह रुपये प्राप्त करने से पहले बालक दास की मौत ज़हर से हो गयी। वैसे यह ज़गह वन विभाग की है, लेकिन अब तक आसाराम का उसपर ज़बरन कब्ज़ा है। रजोकरी आश्रम में वरीयो की मौत सांप काटने से हुई जिसे छोटी जात का मानते हुए कोई उपचार नहीं किया गया। इसी तरह आसाराम का बेटा नारायण साईं ने दरभंगा (बिहार) में सांप के काटने से मृत बालिका को जिंदा कर देगा। दफ़न लाश को गाँव वालों ने निकल कर उसके हवाले किया। पीपल के पत्ते को कुछ समय तक उसके नाक के पास रखा गया। कुछ नहीं होने पर गुस्साए गाँव वालों के डर से वह नेपाल भाग कर अपनी जान बचायी।
आसाराम पर 4500 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के 23 मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे है।
जहाँ तक संपत्तियों पर जबरन कब्ज़ा करने के कई मामले हैं, उनमें ये प्रमुख हैं - दिल्ली में सीलमपुर के मंदिर पर जबरन कब्ज़ा, करोल बाग में वन विभाग के ज़मीन पर जबरन आश्रम बनाये जाने का मामला, फैज़ रोड पर शिव मंदिर के कैश और मंदिर पर कब्ज़ा, रजोकरी और नज़फगढ़ में ज़मीन पर कब्ज़ा। इसी तरह ऋषिकेश, हरिद्वार, ग्वालियर, छिन्द्वारा, ब्रह्मपुरी, इंदौर, रतलाम, गोरेगांव, चंडीगढ़, बनारस, सूरत आदि में संपत्तियों पर जबरन कब्ज़ा।
मीडिया में इस ढकोसले बाज़ के महिलाओं के साथ होली खेलने और 'बबलू' कह कर महिलाओं से आपत्तिजनक व्यवहार करते सरेआम देखा गया है। परन्तु इस देश की भ्रष्ट और धर्मान्ध्विश्वास के माहौल में इस पर कोई करवाई होते दिख नहीं रही है।
इधर, दिल्ली गैंगरेप केस को लेकर यह गुरुघंटाल आसाराम ने विवादास्पद बयान दिया है. उनके मुताबिक अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए पीड़ित लड़की भी आरोपियों के बारबर ही जिम्मेदार है.पीड़ित परिवार से हमदर्दी जताते हुए आसाराम ने कहा है कि पीड़ित छात्रा अगर घटना के वक्त आरोपियों में से किसी को भाई बना लेती तो शायद बच जाती. क्या गिड़गिड़ाने से रुकता रेप?
इसका जवाब मेरे फेसबुक मित्रमंडली के गीता श्री ने यूँ दिया है -" अब लीजिए, बड़बोले और विवादास्पद बाबा आसाराम बापू ने कहा है कि रेप पीड़ित लड़की के साथ जो हुआ है उसमें उस लड़की का भी कसूर है। ताली दोनो हाथ से बजती है। लड़की को हाथ पांव जोड़ने चाहिए थे, किसी को भाई बनाती,,,आदि आदि...।
अब ये बाबा तय करेंगे कि दामिनी को उस वक्त क्या करना चाहिए था। कभी लड़की होकर तो सोचें। उस भयावह पल को तो सोचे। जिसकी कल्पना से रुह रह रह कर कांप उठती है। सोचो कि हैवानो को भाई बना लेती तो क्या वे रहम करते। उनका दिल बदल जाता। बाबा लड़की की गल्तियां देख रहे हैं। बाबा तय करेंगे कि बाजारु महिलाएं बेचारे पुरुषो को फंसा लेंगी...ये धार्मिक नेता देश के कलंक हैं। कैसे फल फूल रहे हैं ये, किन भक्तों के दम पर। समाज सोचता क्यों नहीं इन धर्मगुरुओं के बयान पर, इनकी घटिया मानसिकता पर... कौन तय करेगा कि महिलाएं बाजारु कैसे हो जाती हैं। ये बाजारुपन क्या होता है। कौन चिन्हित करता है बाजारुपन को...इतना संवेदहीन बयान एक संत कहे जाने वाले पुरुष के मुंह से निकलता है। भक्तो सोचो..कैसा प्रलाप कर रहा है आपका गुरु। ये क्या रास्ता दिखाएगा कि इन्हें ही दिमागी इलाज की जरुरत है। एसे बाबाओं को पैदा करना बंद कर देना चाहिए..."
इसी तरह सरोज यादव का कहना है - " आधुनिक बाबा वनाम उपदेश : आज देशभर मेँ महिला सुरक्षा को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से एक सुनियोजित आंदोलन और चर्चा चल रही है, ऐसे मौके पर आसाराम बापू का ये बयान कि लड़की अगर उन शराबियोँ मेँ से किसी एक को भाई बना लेती तो उसकी जान बच सकती थी ? इस तरह का उपदेश हास्यास्पद ही नही वल्कि बचकानी और पाखंड को भी दर्शाता है। आसाराम जी को इस समय रामायण की उस वाकया को याद करना चाहिए जिस समय रावन सीताजी का हरण कर रहा था और देवी सीता अपने परमेस्वर को चिल्ला रही थी, पुकार रही थी ! क्या रावन को कुछ समझ आया ? नहीँ ! जिसका परिणाम क्या हुआ हम सभी जानते ही है। इसलिए मेरा मानना ये है कि , ये दरिदेँ तो रावण की तरह रावण से भी नीच और घिनौनी हरकत किया है और कर रहा है ? इसलिए इन बाबाओँ की बातो पर ध्यान न देकर हम सभी देशवासी खासकर युवाओँ को सोचना है कि ऐसे वहसियोँ को सीधे मौत के घाट उतार दिए जाए। आज इस देश मेँ डर पैदा करना जरुरी हो गया है और डर पैदा होगा सिर्फ मौत की सजा से ? ताकि इन बलात्कारियोँ और भ्रष्टाचारियोँ को सबक मिल सके।"
आज कल इस गुरु घंटाल की बेटी भी प्रवचन देती है। अगर खुदा-न-खास्ते उसे ऐसी दरिंदगी का सामना करना पड़े तो वह बाबा का नुस्खा अपनाये, उम्मीद है राहत मिलेगी।
"There is equality only among equals. To equate unequals is to perpetuate inequality." ~ Bindheshwari Prasad Mandal "All epoch-making revolutionary events have been produced not by written but by spoken word."-~ADOLF HITLER.
About Me
- Suraj Yadav
- New Delhi, NCR of Delhi, India
- I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....
Monday, January 7, 2013
आसाराम पापू ....के अनसुनी अधर्मी किस्से।
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New Delhi, Delhi, India
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Sadhvi Shashi Prabha
ReplyDeleteआशाराम जी, आपसे एक छोटा सा प्रश्न ।
महाभारत मे द्रौपदी के साथ जब दुराचार होना था उस समय द्रौपदी ने
ध्रीतराष्ट्र को पिता,
दुःशासन को भाई,
पितामह को कुल वृद्ध
कि दुहाई देते हुए अपनी सुरछा कि मांग की, तो आपके कथनानुसार उसमे से कौन द्रौपदी का भाई,पिता अथवा सहयोगी बनकर खड़ा हुआ ?
जब कि ये सभी नशामुक्त थे ।
From the album: Timeline Photos
ReplyDeleteBy Rajeev Dubey
ये है .. अय्याश आसाराम ...[ अब बापू नही लिखुगा ] जो गेंग रेप
पीडिता को और अन्य रेप पीड़ित लडकियों को ' दोषी ' बता रहे है
खबर है की कुम्भ मेले में आसाराम के शिविर को तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। अब बाबा कहेंगे की ताली एक हाँथ से नहीं बजती! शिविर पर आसाराम के अनुयायी ने उन लोगों को 'भैय्या' कहते हुए हाँथ पैर जोड़े, पर उन्होंने कुछ नहीं सुनी।
ReplyDeleteजी ताली तो उन लोगों ने दी, अब बाबा कहेंगे की ताली एक हाँथ से नहीं बजती।
आसाराम एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन पर जोधपुर में अनुष्ठान के बहाने एक किशोरी से दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित उनके गुरुकुल की पीड़ित छात्रा ने दिल्ली के कमला मार्केट थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने ‘जीरो’ एफआईआर दर्ज कर मामला जोधपुर पुलिस को सौंप दिया है। एक सहयोगी ने आरोपों से इंकार किया है।
ReplyDeleteपुलिस के अनुसार, नाबालिग लड़की ने मध्य दिल्ली के कमला मार्केट थाने में आसाराम के खिलाफ मंगलवार शाम लिखित शिकायत दी थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमने शिकायत दर्ज कर ली है। लेकिन लड़की ने बताया कि घटना राजस्थान में हुई इसलिए मामला राजस्थान स्थांतरित किया जाएगा।’
शिकायत में कहा गया है कि 15 अगस्त को जोधपुर आश्रम में यौन हमला किया गया था। पीड़िता वहां इलाज के लिए गई थी। अधिकारी ने बताया, ‘पीड़िता आसाराम बापू द्वारा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में संचालित एक गुरुकुल में पिछले पांच वर्षों से पढ़ रही है। चूंकि वह अस्वस्थ महसूस कर रही थी इसलिए गुरुकुल के कर्मचारियों ने उसे बापू (आश्रम) के यहां जाने के लिए कहा।’
अध्यात्मिक गुरु के प्रवक्ता ने कहा कि यह आसाराम बापू की छवि धूमिल करने का प्रयास है। आसाराम के देश-विदेश में लाखों भक्त हैं। प्रवक्ता सुनील वानखेड़े ने कहा, ‘लड़की ने कहा है कि घटना 15 अगस्त को जोधपुर में घटी। लेकिन आसाराम बापू जोधपुर से 11 अगस्त को ही चल चुके थे। तो फिर यह सच कैसे है?’
प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘लड़की ने दिल्ली में मामला दर्ज कराया है, क्योंकि दिल्ली वह जगह है जहां पुलिस महिला से जुड़े अपराध से संबंधित मामले में बिना जांच के ही एफआईआर दर्ज करने के लिए बाध्य है।’ उन्होंने कहा, ‘हम लड़की के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।’
पीड़िता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की रहने वाली है। वह अपने परिवार के साथ आसाराम बापू के यहां गई थी। पुलिस ने कहा कि आसाराम इलाज के बहाने लड़की को एक एकांत कक्ष में ले गए और यौन प्रताड़ना दी। इस घटना से आहत लड़की ने पहले तो चुप्पी साध ली, लेकिन कुछ दिनों बाद उसने इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि इस बात से नाराज परिवार के सदस्यों ने आसाराम से भिड़ने की ठानी और मंगलवार को दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे जहां आसाराम लोगों को उपदेश देने वाले थे लेकिन परिवार को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई और उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा गया। अंतत: परिवार ने पुलिस से शिकायत करने का फैसला लिया।
आसाराम इससे पहले उस वक्त खबरों में आए थे जब गुजरात पुलिस ने उनके और दो अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। उन पर गुजरात और मध्य प्रदेश में अवैध रूप से जमीन हड़पने का भी आरोप है।
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद भी आसाराम ने एक विवादास्पद बयान देकर लोगों की नाराजगी मोल ली थी। उन्होंने कहा था कि पीड़िता हमलावरों को भाई कहकर उनके चंगुल से बच सकती थी।
सूरज जी , सबसे नीचे आसाराम और एक लड़की की फोटो है । वह लड़की कौन है ? और क्या यह एक खींची गई फोटो है या कम्प्यूटर से ड्रा किया गया है ।
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