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New Delhi, NCR of Delhi, India
I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Tuesday, July 2, 2013

मज़ाक पर मज़ाक - अमरीका द्वारा भारतीय दूतावास की जासूसी।

मज़ाक पर मज़ाक -

द गार्जियन अख़बार के नवीनतम खुलासे के अनुसार, जो अमरीका से पलायन किये पोल खोल कार्यकर्ता एडवर्ड स्नोडेन से प्राप्त जानकारी को धीरे धीरे जारी कर रही है, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, भारतीय दूतावास सहित 37 अन्य दूतावासों और मिशनो को "लक्ष्य" मानते हुए बग, विशेष एन्टीना आदि की मदद से व्यापक जासूसी कर रही थी।

अब समझ में नहीं आ रहा की विश्व बैंक के पूर्व मुलाजिम डा मनमोहन सिंह की सरकार रहते, अमरीका को भारतीय दूतावास की जासूसी क्यों करनी पर रही है? अगर जरूरत पड़े तो भारत सरकार मंत्रियों के चड्डियों के रंग और चरखाने की डिजाईन की जानकारी भी मुहैय्या कर देगी।

और इधर वाम दल अमरीका के विर्रुद्ध कार्यवाई की मांग कर रहें हैं। फिर मज़ाक। मनमोहन सरकार और अमरीका का विरोध? वाम दलों को धर्मनिरपेक्षता का ढकोसला जारी रखते हुए पिछले दरवाजे से अमरीका को मदद पर खुश रहना चाहिए, कार्यवाई की बात कर लोगों को हसाएं नहीं।

और मजाक - अमेरिकी जासूसी कारनामों को उजागर करने वाले सीआइए के पूर्व अधिकारी एडवर्ड स्नोडेन ने भारत से राजनीतिक शरण मांगी है। स्नोडेन मामले में विकीलीक्स की कानूनी सलाहकार सारा हैरिसन ने उनकी ओर से इस संबंध में आवेदन किया है। और हुआ वही - भारत ने एडवर्ड स्नोडेन की इस याचिका को अस्वीकार कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि स्नोडेन के भारत में राजनीतिक शरण की अपील को अस्वीकार कर दिया गया है।

और क्यों - गौरतलब है कि ओबामा प्रशासन ने पहले ही सभी देशों को चेतावनी दी है कि स्नोडेन को कोई भी देश शरण न दे, क्योंकि वह जासूसी तथा गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में अमेरिका में वांछित हैं।

स्नोडेन ने दी धमकी -


स्नोडेन ने सोमवार को पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए ओबामा प्रशासन को धमकी दी है कि यदि उन्हें राजनीति शरण से वंचित रखने की कोशिश की गई तो वह खुफिया गतिविधियों से जुड़े और दस्तावेजों को सार्वजनिक कर सकता है। स्नोडेन ने ओबामा पर निशाना साधते हुए कहा, एक वैश्विक नेता को इस तरह की हरकत शोभा नहीं देती। ये राजनीतिक दादागिरी के पुराने और घटिया हथकंडे हैं। उनका मकसद मुझे डराना नहीं, बल्कि मेरा साथ देने वालों को प्रताड़ित करने का है।

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