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I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....

Wednesday, July 17, 2013

सूर्य पूजा के चमत्कारी फल व उनको पाने का खास उपाय -


हिन्दू धर्मशास्त्रों में सूर्य को जगत की आत्मा पुकारा गया है। व्यावहारिक नजरिए से सूर्य की चमक से ज्ञान प्राप्ति, गति से कर्म, पथ व दिशा से अनुशासन व मनोयोग की सीख मिलती है। वहीं, विज्ञान के लिए भी सूर्य ऊर्जा व शक्ति का भंडार व कालगणना का आधार है।

यही वजह है कि धार्मिक उपायों से सूर्य पूजा हो या वैज्ञानिक तरीकों से सूर्य की रोशनी या ऊर्जा को पाना, दोनों ही तन व मन को पुष्ट कर स्वास्थ्य, द्रव्य (रुपया-पैसा) व सुख-शांति रूपी धन बटोरने की राह असान बनाने वाले ही सिद्ध होते हैं।

धार्मिक नजरिए से सूर्य पूजा से जुड़े लाभ देखें तो भविष्य पुराण के मुताबिक हर रोज श्रद्धा व आस्था से सूर्य पूजा के शुभ प्रभाव से सूर्य भक्त कई शक्तियों व गुणों का स्वामी बन जाता है। इससे सांसारिक जीवन में बेजोड़ सफलता व प्रतिष्ठा मिलती है। जानिए सूर्य पूजा से कैसी शक्तियां व गुण प्राप्त होते हैं?

- सूर्य भक्त अद्भुत सहनशीलता पाकर हर मानसिक, शारीरिक व व्यावहारिक द्वंद्व पर विजय पाता है।
- सूर्य भक्ति निर्भय व वीर बनाकर नीति और ज्ञान संपन्न भी बनाती है।
- सेवा भावी और परोपकारी बनाती है।
- सूर्य उपासना विद्वान, सारगर्भित व प्रभावी वाणी का स्वामी, बुद्धिमान बनाती है।
- आचरण पवित्र करने के साथ भद्र व प्रसन्नात्मा या खुशमिजाज बनाती है।
- सूर्य भक्ति अहं, क्रोध, लालच, कामना, कपट और बुरे विचारों का भी अंत कर देती है।

सूर्य की पहली किरण ही दिन की शुरुआत में ही सफलता की प्रेरणा देती है। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सूर्य उपासना भी निरोगी जीवन के साथ यश, सम्मान व प्रतिष्ठा देने वाली मानी गई है।

यही वजह है कि हर सुबह खासतौर पर रविवार को सूर्य उपासना के लिए शास्त्रों में उगते सूरज के सामने विशेष मंत्र का स्मरण मात्र भी बेजोड़ सफलता से पद, प्रतिष्ठा देने वाला माना गया है।

- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें। एक जल पात्र यथासंभव तांबे के कलश में पवित्र जल लें। जल में अष्टगंध, लाल फूल व अक्षत डालकर ऊँ सूर्याय नम: इस सरल मंत्र से उदय होते सूर्य को अर्घ्य दें।
अर्घ्य के बाद जमीन पर माथा टेक नीचे लिखे सूर्य मंत्र यश व सफलता की कामना के साथ बोलें -
ऊँ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।
- बाद में देवालय में सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा कर गुड़ का भोग लगाकर धूप, दीप या कर्पूर आरती करें।

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