बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव,
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द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन में एक नयी सरकार बनी। इस नयी सरकार ने भारत संबन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया। भारत की आज़ादी के सवाल का हल निकालने के लिए ब्रिटिश कैबिनेट के तीन मंत्री भारत भेजे गए। मंत्रियों के इस दल को कैबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद यह संविधान सभा पूर्णतः प्रभुतासंपन्न हो गई। इस सभा ने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे।
भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था। ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने।जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे। सच्चिदानन्द सिन्हा इस सभा के प्रथम सभापति थे। किन्तु बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया। भीमराव रामजी आंबेडकर को निर्मात्री सिमित का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 19 दिन में कुल 166 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।
बिहार से निर्वाचित सदस्यों में अमियो कुमार घोष, अनुग्रह नारायण सिन्हा, बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला, भागवत प्रसाद, बोनिफेस लाकड़ा, ब्रजेश्वर प्रसाद, चंडिका राम, लालकृष्ण टी. शाह, देवेंद्र नाथ सामंत, डुबकी नारायण सिन्हा, गोपीनाथ सिंह, जदुबंस सहाय, जगत नारायण लाल, जगजीवन राम, जयपाल सिंह, दरभंगा के कामेश्वर सिंह, महेश प्रसाद सिन्हा, कृष्ण वल्लभ सहाय, रघुनंदन प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद सिन्हा, रामनारायण सिंह, सच्चिदानंद सिन्हा, सारंगधर सिन्हा, सत्यनारायण सिन्हा, बिनोदानन्द झा, पी. लालकृष्ण सेन, श्रीकृष्ण सिंह, श्री नारायण महथा, श्यामानन्द सहाय, हुसैन इमाम, सैयद जफर इमाम, लतीफुर रहमान, मोहम्मद ताहिर, ताजमुल हुसैन, चौधरी आबिद हुसैन, पंडित हरगोविन्द मिश्रा.सहित मधेपुरा के कमलेश्वरी प्रसाद यादव थे।
कमलेश्वरी बाबू चतरा (मधेपुरा) के जमींदार श्री राम लाल मंडल के पुत्र थे जिनका परिवार मधेपुरा के प्रतिष्ठित परिवारों में था।
कमलेश्वरी बाबू के ताऊ (बड़े बाबूजी) श्री राम लाल मंडल के बड़े भाई श्री संत लाल मंडल का विवाह कुमारखंड के पास कोरलाही - सुखसान के श्री गर्जुमन यादव की बहन यशोदा देवी से हुआ था। यशोदा देवी की बड़ी बहन श्रीमति सुमित्रा देवी का विवाह मुरहो एस्टेट के बाबू भुवनेश्वरी प्रसाद मंडल, ज्येष्ठ पुत्र बाबू रासबिहारी लाल मंडल से हुआ था।
बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव संविधान सभा के लिए खगडिया क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में निर्वाचित होने के बाद संविधान सभा के सभी बैठकों में महत्वपूर्ण सुझाओं के साथ शामिल हुए और उनके भाषण प्रोसीडिंग्स में शामिल हैं। फिर चुकी यह सभा आज़ाद भारत के संसद के तौर पर मान लिया गया, तो बतौर मधेपुरा -खगडिया क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उन्होंने बखूबी किया।
1952 के बिहार विधान सभा चुनाव में कमलेश्वरी बाबू उदा-किशनगंज क्षेत्र से विधायक बने और क्षेत्र के समस्याओं को पूरी जिम्मेदारी के साथ उठाये। इस समय 1952 में मधेपुरा के विधायक मुरहो एस्टेट के यादव शिरोमणि स्व रासबिहारी लाल मंडल के सबसे छोटे सुपुत्र स्व बी पी मंडल थे।
कमलेश्वरी बाबू फिर 1972 में भी निर्वाचित हुए।
बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव पटना विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र (Political Science) और बी एच यू (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) से हिंदी में डबल एम ए किए थे। वे पटना विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त किए थे।
पहले ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और अब बी एन मंडल विश्वविद्यालय से मुरलीगंज (मधेपुरा) के पास कमलेश्वरी प्रसाद कॉलेज (www.kpcollege.co.in) आज भी शिक्षा से उनकी स्मृति के जुड़ाव को दर्शाता है।
1902 के लगभग में जन्म लिए बाबू कमलेश्वरी प्रसाद मंडल की मृत्यु 15 नवम्बर, 1989 को हुई।
उनका पुत्र श्री अभय कुमार यादव चतरा - मधेपुरा के राजनैतिक - सामाजिक जीवन में सक्रीय हैं।
"There is equality only among equals. To equate unequals is to perpetuate inequality." ~ Bindheshwari Prasad Mandal "All epoch-making revolutionary events have been produced not by written but by spoken word."-~ADOLF HITLER.
About Me
- Suraj Yadav
- New Delhi, NCR of Delhi, India
- I am an Indian, a Yadav from (Madhepura) Bihar, a social and political activist, a College Professor at University of Delhi and a nationalist.,a fighter,dedicated to the cause of the downtrodden.....
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