प्रदर्शनकारी वार्ड आयुक्त मुकेश कुमार, ध्यानी यादव, ओम श्रीवास्तव, गूगल पासवान, हेमेंद्र कुमार, बाल किशोर यादव


मधेपुरा के नागरिकों ने विशाल प्रदर्शन माध्यम से मधेपुरा से दूरदर्शन टॉवर हटाए जाने का विरोध करते हुए निम्नलिखित तथ्यों की ओर ज़िला पदाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किये हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब से दूरदर्शन टॉवर के माध्यम से मधेपुरा में ऍफ़ एम् रेडियो सुविधा दिए जाने की घोषणा हुई है समय तत्काल प्रभाव से प्रसार भारती के इंजीनियरिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने मधेपुरा से दूरदर्शन टॉवर हटाए जाने के लिए ट्रक व स्टाफ तथा मजदूरों को मधेपुरा भेज दिया है, जो अब टॉवर को खोलने में लग गए हैं।
* इस सन्दर्भ में दूरदर्शन अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे तर्क सच्चाई व ज़मीनी हक़ीक़त से परे है, आधारहीन है और मधेपुरा जैसे पिछड़े व सीमांचल ज़िले के लाखों लोगो के साथ अन्याय है। दूरदर्शन अधिकारियों का कहना है की अब सोनबरसा में हाई पॉवर ट्रांसमिशन टॉवर लगा दी गई है जिससे मधेपुरा सहित सिमरी बख्तियारपुर, खगड़िया व बंगाल में कलना लो पॉवर ट्रांसमिशन टॉवर की ज़रुरत नहीं है।
* यह तर्क में कोई डीएम नहीं है, क्योंकि हाई पॉवर ट्रांसमिशन हर जगह असफल है। वैसे भी विकसित ज़िलों और दिल्ली एवं अन्य महानगरों में दोनों व्यवस्थाएं हैं जबकि मधेपुरा एवं अन्य ज़िलों के हज़ारों वर्ग किलोमीटर के सीमांचल इलाके के लाखों की जनसँख्या के लिए भारत सरकार के द्वारा रेडियो व टेलीविजन सुविधा की प्रति नागरिक अनुपात अभी भी काफी कम है।
* भारत सरकार द्वारा 100 करोड़ खर्च कर पंजाब फ़ज़लिका में 11 वर्षों के निर्माण समय लगा कर 1000 फ़ीट की टेलीविजन टॉवर लगाई गई और दावा किया गया की अब पाकिस्तान में हमारी टेलीविजन वेव ही चलेगी। लकिन हुआ उल्टा। पाकिस्तान के वेव के दखल से पंजाब के लोग भी फ़ज़लिका टॉवर का प्रसारण नहीं देख सकते है। इसी तरह भारत का दूसरा सबसे बड़ा टेलीविजन टॉवर रामेश्वरम में सफ़ेद हांथी साबित हुआ। अधिकांश जनसँख्या को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। इसी तरह सोनबरसा का टॉवर का कोई फायदा नहीं हो रहा है, क्योंकि कई बार तो बिजली गुल होने पर उसका जेनेरेटर भी नहीं चलता है। और सबसे बड़ा घाटा यह है की मधेपुरा के लोगों को प्रसार भारती ऍफ़ एम् रेडियो की सुविधा से वंचित कर देगी।
* इसके पहले भी मधेपुरा से इसे हटाने का पुरजोर विरोध हुआ है और यह मांग की गई है मधेपुरा स्थित दूरदर्शन टॉवर से दूरदर्शन के लिए अन्य प्रोफार्म जैसे ऍफ़ एम् रेडियो, किसान चैनेल, लोक सभा व राज्य सभा चैनल, उर्दू व क्षेत्रीय बिहार टीवी का प्रसारण जारी रखा जाए।
* प्रसार भारती के अधिकारियों को यह भी बताया गया की मधेपुरा जैसे सीमांचल ज़िलों में एक भी आकाशवाणी के कार्यक्रम चीनी रेडियो वेव के दखल के कारन ठीक से सुनाई नहीं देती है।
* समाचार के लिए भी यहाँ के लोग बीबीसी या रेडियो नेपाल को सुनने के लिए विवश हैं। चुकी यह सीमांचल व कोसी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र हैं, तो यह और भी चिंता का विषय है।
* भारत सरकार और प्रसार भारती नीतिगत तौर पर कई बार घोषणा कर चुके हैं की मधेपुरा जैसे सीमान्त क्षेत्र में रेडियो और टेलीविजन के सिग्नल को और शक्तिशाली करेगी लेकिन मधेपुरा से दूरदर्शन टॉवर हटाने के प्रयास करके सरकार अपने ही घोषणाओं और नीतियों के विरुद्ध काम कर रही है, जिसका विरोध किया जायेगा और सरकार को यह जन विरोधी कदम वापस लेने पर मजबूर किया जायेगा।
* सरकार यह सोच ही नहीं है की जो जनता नरेन्द्र मोदी जी की मन की बात सुनने के लिए बेचैन रहते हैं उनसे उनका वाजिब हक़ छिना जा रहे है। इस ज्ञापन के माध्यम से हम भारत सरकार और प्रसार भारती को सूचित करते हैं की दूरदर्शन व आकाशवाणी के अनुपयुक्त सुविधाओं और कमियों के कारण कोसी और सीमांचल क्षेत्र के लोग प्रधान मंत्री की 'मन की बात' कार्यक्रम को कभी ठीक से सुन नहीं पाए हैं।
* मधेपुरा में अपने रैली में २ नवम्बर 2015 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मधेपुरा के लिए किए गए घोषणाएं व वायदे के विपरीत मधेपुरा से दूरदर्शन का टॉवर हटाया जा रह है।
ऐसी परिस्थिति में और तथ्यों के आधार पर मधेपुरा के लोगों ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किये है की मधेपुरा सहित सिमरी बख्तियारपुर, खगड़िया आदि से दूरदर्शन का टॉवर हटाने की प्रक्रिया को अविलम्ब रोक जाए और इस फैसले को रद्द किया जाए अन्यथा मधेपुरा की जनता इस मुद्दे पर अपना विरोध व सत्याग्रह जारी रखेगी।
No comments:
Post a Comment